हनुमान चालीसा भगवान श्री हनुमान जी को समर्पित एक पूजनीय भक्ति भजन है, जिसे 16वीं शताब्दी के कवि तुलसीदास के द्वारा लिखा गया था। नीचे Hanuman Chalisa Lyrics हिंदी में दिया गया है :-
🕉 श्री Hanuman Chalisa Lyrics के पूरे बोल हिंदी में नीचे दिए गए हैं: 🕉
दोहा:
🔯 श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। 🔯
🔯 बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ 🔯
🔯 बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। 🔯
🔯 बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार॥ 🔯

🕉 हनुमान चालीसा 🕉
🔯 जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। 🔯
🔯 जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ 🔯
🔯 राम दूत अतुलित बल धामा। 🔯
🔯 अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ 🔯
🔯 महावीर विक्रम बजरंगी। 🔯
🔯 कुमति निवार सुमति के संगी॥ 🔯
🔯 कंचन बरन विराज सुवेसा। 🔯
🔯 कानन कुंडल कुंचित केसा॥ 🔯
🔯 हाथ बज्र औ ध्वजा विराजे। 🔯
🔯 काँधे मूंज जनेऊ साजे॥ 🔯
🔯 शंकर सुवन केसरी नंदन। 🔯
🔯 तेज प्रताप महा जगवंदन॥ 🔯
🔯 विद्यावान गुनी अति चातुर। 🔯
🔯 राम काज करिबे को आतुर॥ 🔯
🔯 प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। 🔯
🔯 राम लखन सीता मन बसिया॥ 🔯
🔯 सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। 🔯
🔯 विकट रूप धरि लंक जरावा॥ 🔯
🔯 भीम रूप धरि असुर सँहारे। 🔯
🔯 रामचंद्र के काज सँवारे॥ 🔯
🔯 लाय सजीवन लखन जियाये। 🔯
🔯 श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥ 🔯
🔯 रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। 🔯
🔯 तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥ 🔯
🔯 सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। 🔯
🔯 अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥ 🔯
🔯 सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। 🔯
🔯 नारद सारद सहित अहीसा॥ 🔯
🔯 जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते। 🔯
🔯 कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥ 🔯
🔯 तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। 🔯
🔯 राम मिलाय राज पद दीन्हा॥ 🔯
🔯 तुम्हरो मंत्र विभीषण माना। 🔯
🔯 लंकेश्वर भए सब जग जाना॥ 🔯
🔯 युग सहस्र योजन पर भानू। 🔯
🔯 लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥ 🔯
🔯 प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। 🔯
🔯 जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥ 🔯
🔯 दुर्गम काज जगत के जेते। 🔯
🔯 सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥ 🔯
🔯 राम दुआरे तुम रखवारे। 🔯
🔯 होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥ 🔯
🔯 सब सुख लहै तुम्हारी सरना। 🔯
🔯 तुम रक्षक काहू को डर ना॥ 🔯
🔯 आपन तेज सम्हारो आपै। 🔯
🔯 तीनों लोक हांक तें कांपै॥ 🔯
🔯 भूत पिशाच निकट नहिं आवै। 🔯
🔯 महाबीर जब नाम सुनावै॥ 🔯
🔯 नासै रोग हरै सब पीरा। 🔯
🔯 जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ 🔯
🔯 संकट तें हनुमान छुड़ावै। 🔯
🔯 मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥ 🔯
🔯 सब पर राम तपस्वी राजा। 🔯
🔯 तिन के काज सकल तुम साजा॥ 🔯
🔯 और मनोरथ जो कोई लावै। 🔯
🔯 सोई अमित जीवन फल पावै॥ 🔯
🔯 चारों जुग परताप तुम्हारा। 🔯
🔯 है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 🔯
🔯 साधु संत के तुम रखवारे। 🔯
🔯 असुर निकंदन राम दुलारे॥ 🔯
🔯 अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। 🔯
🔯 अस वर दीन जानकी माता॥ 🔯
🔯 राम रसायन तुम्हरे पासा। 🔯
🔯 सदा रहो रघुपति के दासा॥ 🔯
🔯 तुम्हरे भजन राम को पावै। 🔯
🔯 जनम जनम के दुख बिसरावै॥ 🔯
🔯 अन्तकाल रघुबर पुर जाई। 🔯
🔯 जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 🔯
🔯 और देवता चित्त न धरई। 🔯
🔯 हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥ 🔯
🔯 संकट कटै मिटै सब पीरा। 🔯
🔯 जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ 🔯
🔯 जय जय जय हनुमान गोसाईं। 🔯
🔯 कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥ 🔯
🔯 जो सत बार पाठ कर कोई। 🔯
🔯 छूटहि बंदि महा सुख होई॥ 🔯
🔯 जो यह पढ़े हनुमान चालीसा। 🔯
🔯 होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 🔯
🕉 दोहा: 🕉
🔯 तुलसीदास सदा हरि चेरा। 🔯
🔯 कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥ 🔯
🔯 पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। 🔯
🔯 राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥ 🔯
🕉️ हनुमान चालीसा का पाठ लोग ज्यादातर मंगलवार और हनुमान जयंती के दौरान करते है. हनुमान जी की भक्तों का मानना है कि नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक शांति और दिव्य आशीर्वाद मिलता है। इस लिए अगर आप भी हनुमान जी के भक्त है तो हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें जिससे आपके अंदर भी हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद शक्ति, साहस और सुरक्षा का अहसास होगा। Hanuman Chalisa Lyrics हिंदी में ऊपर दिया गया है 🕉️